तेरा चेहरा!
तारों में झिलमिलाते, तेरा चेहरा देखा करूँ
तू दिखे मुझको हर जगह, तू ही बता मैं क्या करूँ!
देखता हूँ जब-जब मैं, आसमां को शाम में
तू ही आये नजर, जब भी मैं तुझको सोचा करूँ।
रंगीन हो गयी है, ये दुनिया अब हसीन मेरी
तेरी मोहब्बत की स्याही से जब भी लिखा करूँ!
मैं इस पतझड़ में भी, सदाबहार बन खिला हूँ
महक जाए ये जहां मेरा, तेरी मोहब्बत से सींचा करूँ।
कैसे कोई बन जाता है किसी का इतना खास 'मन'
तेरी ही इबादत है, तुझसे ही ये दुआ किया करूँ।
#MJ
#प्रतियोगिता
©मनोज कुमार "MJ"
Renu Singh"Radhe "
03-Aug-2021 02:25 PM
बहुत सुंदर रचना
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Niraj Pandey
03-Aug-2021 12:51 PM
वाह लाजवाब पंक्तियां👌👌
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Aliya khan
03-Aug-2021 08:25 AM
Wah
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